विश्व रे मेरा विसर्जन भी सृजन को जन्म देगा। विश्व रे मेरा विसर्जन भी सृजन को जन्म देगा।
सोचो!भारत माता ने तब,कितना दर्द सहा होगा। सोचो!भारत माता ने तब,कितना दर्द सहा होगा।
मैं वही सिन्धु नदी जिसके किनारे तुमने, बैठकर वेद-ए-मुक़द्दस का हर इक मंत्र कहा मैं वही सिन्धु नदी जिसके किनारे तुमने, बैठकर वेद-ए-मुक़द्दस का हर इक मंत्र कहा
हमों श्याम बिन वृथा लगाती। गंगादास लेस न पाती। हम मोह सिंधु में बह गए। कहो धोवैं दाग हमारे।। हमों श्याम बिन वृथा लगाती। गंगादास लेस न पाती। हम मोह सिंधु में बह गए। कहो धो...
एक पूरा वीरान संसार है, जो खड़ा है हमारे सामने एक प्रश्नवाचक कि तरह , जिसे हम ख़ूबसूरती के... एक पूरा वीरान संसार है, जो खड़ा है हमारे सामने एक प्रश्नवाचक कि तरह , ...
हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो जाती है..... हज़ार मिन्नतें और लाख मनुहार के बाद भी, उनकी खामोशी नही टूटती, बल्कि और मजबूत हो ...